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सब बात कर रहे है सीता और राम की

सब बात कर रहे है सीता और राम की पर यह बात नहीं किसी काम की।

है जरूरत तो लड़कियों और लड़के में भेद हटाने की।

जिस दिन भाई को देख अपने ही घर में एक बहन को ढंग से रहने को न कहा जाएगा उस दिन सब बदल जाएगा।

उस दिन से लड़कियों को देखने का नज़रिया हर घर से बदला जाएगा।

तब ही कुछ संभव हो पाएगा।
अन्यथा सीता अग्निपरीक्षा रूपी चिता पर जलती रहेगी।

और हमलोग हर वर्ष रावण दहन करने को बेताब रहेंगे।

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